World No Tobacco Day 2020 : क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड नो टोबैको डे
दुनिया भर में वर्ल्ड नो टोबैको डे 2020 मनाया जा रहा है। यह दिन खासतौर पर तंबाकू के सेवन को रोकने और तंबाकू के कारण सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। आइए इसके बारे में कुछ खास जानकारी जानते हैं....
कोरोना वायरस महामारी के इस दौर को छोड़ दिया जाए तो हमारे आस-पास कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ताउम्र अपनी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं उन लोगों की जो तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरी दुनिया में 31 मई के दिन विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2020 (World No Tobacco Day) मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा इसलिए की गई ताकि लोगों को तंबाकू का सेवन करने के कारण होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा सके। इसके अलावा वर्ल्ड नो टोबैको डे पर तंबाकू खाने वाले लोगों को कई प्रकार के कैंसर और गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बचे रहने के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
आइए जानते हैं वर्ल्ड नो टोबैको डे 2020 डे की थीम क्या है और तंबाकू का सेवन करने के कारण कौन-कौन सी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं?
आइए जानते हैं वर्ल्ड नो टोबैको डे 2020 डे की थीम क्या है और तंबाकू का सेवन करने के कारण कौन-कौन सी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं?
इस बार वर्ल्ड नो टोबैको डे 2020 की थीम युवाओं पर केंद्रित हैं। हम सभी यह बात जानते हैं कि आज की युवा पीढ़ी कितनी तेजी से तंबाकू निर्मित पदार्थों का सेवन करने में आगे बढ़ रही है। स्मोकिंग,हुक्का, कच्ची तंबाकू, पान मसाला आदि पदार्थ तंबाकू से कहीं ना कहीं जरूर तैयार किए जाते हैं और युवाओं के द्वारा इसका बड़े पैमाने पर सेवन भी किया जा रहा है जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा इस बार वर्ल्ड नो टोबैको डे 2020 की थीम "युवाओं को इंडस्ट्री के बहकावे से बचाते हुए, उन्हें तंबाकू और निकोटीन का उपयोग करने से रोकना है।" आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा 1987 में इस दिन को प्रभाव में लाया गया था। 31 मई 1988 को WHO42.19 प्रस्ताव पास हुआ, जिसके बाद यह वर्ल्ड नो टोबैको डे के नाम से हर साल 31 मई को मनाया जाने लगा।
इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा इस बार वर्ल्ड नो टोबैको डे 2020 की थीम "युवाओं को इंडस्ट्री के बहकावे से बचाते हुए, उन्हें तंबाकू और निकोटीन का उपयोग करने से रोकना है।" आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा 1987 में इस दिन को प्रभाव में लाया गया था। 31 मई 1988 को WHO42.19 प्रस्ताव पास हुआ, जिसके बाद यह वर्ल्ड नो टोबैको डे के नाम से हर साल 31 मई को मनाया जाने लगा।
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