ज्ञान यदि हमारी शंकाओं, हमारे संकटों का निवारण करता है तो कभी-कभी वही ज्ञान हमारी शंकाओं और संकटों का कारण भी होता है।
इसलिए कठिन समय में हमें ज्ञान की अपेक्षा विवेक का आश्रय लेना चाहिए, हमारा साहस भी जिन समस्याओं का समाधान नही दे सकता उन समस्याओं का समाधान श्रद्धा और समर्पण से हमें प्राप्त हो जाता है।
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