Tuesday, 9 June 2020

"Pita Ko Naman"

"Pita Ko Naman"
Hunar Bal Kalyan proudly presents "Pita ko Naman" online competition on the occasion of father's day.
Group A Age(5 to 10)
Make a drawing, a greeting card or a photo frame for your father.
Group B Age(11 to 18)
Recite a poetry ,sing a song, write a slogan or a message for your father.
Group C Age (above 18)
Tell us Memorable
incident ,Story or Joke with your father.
Selfie with your father is must for every participant.
You can also send your video clips.
*Last date of submission 19 June*
Result 21 June on YouTube channel.
Win cash prize, *1st prize - 1,000rs, 2nd prize - 500rs, 3rd prize-250rs. & Participation certificate for all participants.*
Get set go
Contact
Shashi( event coordinator)
8958512778
9760916769
Send your details and files in the link below

Friday, 5 June 2020

विश्व पर्यावरण दिवस

विश्व पर्यावरण दिवस
आज हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति ने रुड़की स्थित सोनाली पार्क मैं वृक्षारोपण किया तथा वहां उपस्थित सभी बच्चों को पर्यावरण की प्रति जागरूक किया और साथ में साफ सफाई का महत्व भी समझाया आइए सुनते हैं उनकी कुछ विचार
सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद
अध्यक्ष
अखिलेंद्र प्रताप सिंह

Monday, 1 June 2020

world MILK DAY

लोगों को जागरूक करना यही है हमारा उद्देश्य
वर्ल्ड मिल्क डे २०२० के दिन हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति सभी देशवासियों को बधाई देती है (World Milk Day 2020) :दूध हम भारतीयों के जीवन का एक बेहद अहम हिस्सा है. किसी को सादा दूध पीना अच्छा लगता है तो कोई चाय में दूध डालकर पीता है, कोई दूध में हल्दी डालकर, कोई मिल्कशेक बनाकर तो कोई ब्रेकफस्ट में सीरियल के साथ दूध का सेवन करना पसंद करता है. संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की तरफ से हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है ताकि दूध पीने की अहमियत और दूध के फायदों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके.
पारंपरिक रूप से ज्यादातर लोग दूध का सेवन सिर्फ इसलिए करते आ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं. लेकिन हकीकत ये है कि दूध में कैल्शियम के अलावा भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं. न्यूट्रिशन नाम की पत्रिका में साल 2014 में प्रकाशित एक स्टडी की मानें तो दूध पीने को लेकर कितने ही विवाद क्यों न हो, महामारी विज्ञान से जुड़े अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है कि दूध, हमारी सेहत को बनाए रखने में अहम रोल निभाता है. इसके अलावा दूध पीने से हृदय रोग, कई तरह का कैंसर, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों को भी रोकने में मदद मिलती है.
1. गाय का दूध
आंत द्वारा लैक्टोज को अब्जॉर्ब न कर पाने और कई तरह की एलर्जी की वजह से ऐसा माना जाता है कि गाय का दूध छोटे बच्चों के लिए सही नहीं होता. लेकिन जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी एंड न्यूट्रिशन नाम की पत्रिका में साल 2017 में प्रकाशित स्टडी की मानें तो गाय के दूध में नॉन-डेयरी मिल्क की तुलना में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और साथ ही इसमें प्राकृतिक रूप से कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन ई, विटामिन बी12 और कई मिनरल्स जैसे- फॉस्फॉरस और मैग्नीशियम भी पाया जाता है. इसके अलावा गाय के दूध में कई फायदेमंद एंटीऑक्सिडेंट्स भी पाए जाते हैं.
2. भैंस का दूध
लिपिड्स इन हेल्थ एंड डिजीज में साल 2017 में प्रकाशित स्टडी में खुलासा हुआ है कि भैंस का दूध जो दुनियाभर में दूध के कुल उत्पादन का करीब 12 प्रतिशत हिस्सा है वह हकीकत में गाय के दूध से भी ज्यादा हेल्दी होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि भैंस के दूध में कोलेस्ट्रॉल की सघनता कम होती है. साथ ही भैंस के दूध में अमीनो ऐसिड, सिलेनियम, जिंक और एंटीऑक्सिडेंट्स की सघनता अधिक पायी जाती है.
3. बकरी का दूध
बहुत सी जगहों पर बकरी के दूध को गाय के दूध का बेहतरीन विकल्प माना जाता है, खासकर नवजात शिशु के फॉर्मूला मिल्क में. एशियन-ऑस्ट्रेलेशियन जर्नल ऑफ ऐनिमल साइंसेज में साल 2019 में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक बकरी का दूध ज्यादा सुपाच्य होता है, अधिक क्षारीय (ऐल्कलाइन) होता है, इसमें फैट की मात्रा कम होती है और गाय के दूध की तुलना में इसकी सहनशीलता भी अधिक होती है. मनुष्य को पोषण देने के लिहाज से बकरी के दूध में चिकित्सीय गुण भी अधिक पाए जाते हैं.
4. ऊंट का दूध
क्या आप जानते हैं कि ऊंट का दूध बाकी के अलग-अलग तरह के दूध से भले ही डिफरेंट हो लेकिन पोषण के लिहाज से ऊंट का दूध मां के ब्रेस्ट मिल्क के बेहद नजदीक माना जाता है? इलेक्ट्रॉनिक फिजिशियन में साल 2015 में प्रकाशित एक स्टडी में यह समझाया गया है कि ऊंट के दूध में ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल कम होता है लेकिन इसमें विटामिन सी और मिनरल्स जैसे- आयरन, पोटैशियम, कॉपर, जिंक और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है.
पिछले कुछ सालों में नॉन डेयरी दूध की वरायटीज भी दुनियाभर में काफी फेमस हो रही हैं और इसकी वजह है पोषण संबंधी फायदे और खासकर इसलिए क्योंकि ये दूध का प्लांट-बेस्ड सोर्स हैं. ऐसे में सबसे फेमस नॉन-डेयरी मिल्क के 4 प्रकार हैं :
1. सोया मिल्क
सोयाबीन्स या सोय प्रोटीन से तैयार होने वाले सोया मिल्क को उसकी पोषण संबंधी खूबियों की वजह से गाय के दूध का सबसे बेस्ट सब्स्टिट्यूट माना जाता है. इसमें प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट का उतना ही लेवल पाया जाता है जितना गाय के दूध में. साथ ही सभी जरूरी अमीनो ऐसिड की मौजूदगी की वजह से इसे कंप्लीट प्रोटीन के तौर पर भी माना जाता है.
2. नारियल का दूध
नारियल के दूध या कोकोनट मिल्क को पानी और नारियल के अंदर मिलने वाली सफेद रंग की ताजी मलाई को मिलाकर तैयार किया जाता है. सभी नॉन-डेयरी दूध की वरायटीज में से नारियल के दूध में पोषण की मात्रा सबसे कम होती है लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप में इस दूध का काफी इस्तेमाल होता है. यह दूध शरीर के ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बेहतर बनाने और वजन घटाने में भी मददगार माना जाता है.
3. बादाम का दूध
वैसे लोग जो अपनी सेहत के प्रति बेहद जागरूक होते हैं वे बादाम के दूध या आमंड मिल्क पीना ज्यादा पसंद करते हैं. इसमें प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स प्रॉपर्टीज की मात्रा अधिक होती है तो वहीं कैलोरीज की मात्रा बेहद कम.
4. ओट मिल्क
ओट्स, पानी और कई दूसरी सामग्रियों को मिलाकर तैयार किया जाता है इसमें गाय के दूध की तुलना में प्रोटीन और फैट की मात्रा कम होती है. बावजूद इसके ओट मिल्क को हेल्दी विकल्प के तौर पर देखा जाता है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है.

गंगा दशहरा सभी देशवासियो को हार्दिक शुभकामनाएं

गंगा दशहरा सभी देशवासियो को हार्दिक शुभकामनाएं

दुनिया की सबसे पवित्र नदियों में एक है गंगा। गंगा के निर्मल जल पर लगातार हुए शोधों से भी गंगा विज्ञान की हर कसौटी पर भी खरी उतरी विज्ञान भी मानता है कि गंगाजल में किटाणुओं को मारने की क्षमता होती है जिस कारण इसका जल हमेशा पवित्र रहता है। यह सत्य भी विश्वव्यापी है कि गंगा नदी में एक डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं। हिन्दू धर्म में तो गंगा को देवी माँ का दर्जा दिया गया है। यह माना जाता है कि जब माँ गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई तो वह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी, तभी से इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2020 में गंगा दशहरा का यह पर्व 1 जून,सोमवार को बड़ी धूमधाम से देशभर में मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा का महत्त्व
कहा जाता है कि जिस दिन माँ गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई उस दिन एक बहुत ही अनूठा और भाग्यशाली मुहूर्त था। उस दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथी और वार बुधवार था, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर योग, आनंद योग, कन्या राशि में चंद्रमा और वृषभ में सूर्य। इस प्रकार दस शुभ योग उस दिन बन रहे थे। माना जाता है कि इन सभी दस शुभ योगों के प्रभाव से गंगा दशहरा के पर्व में जो भी व्यक्ति गंगा में स्नान करता है उसके ये दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।

बिना आज्ञा या जबरन किसी की वस्तु लेना
हिंसा
पराई स्त्री के साथ समागम
कटुवचन का प्रयोग
असत्य वचन बोलना
किसी की शिकायत करना
असंबद्ध प्रलाप
दूसरें की संपत्ति हड़पना या हड़पने की इच्छा
दूसरें को हानि पहुँचाना या ऐसे इच्छा रखना
व्यर्थ बातो पर परिचर्चा
कहने का तात्पर्य है जिस किसी ने भी उपरोक्त पापकर्म किये हैं और जिसे अपने किये का पश्चाताप है और इससे मुक्ति पाना चाहता है तो उसे सच्चे मन से मां गंगा में डूबकी अवश्य लगानी चाहिये। यदि आप मां गंगा तक नहीं जा सकते हैं तो स्वच्छ जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर मां गंगा का स्मरण कर उससे भी स्नान कर सकते हैं।